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Ushakiran's Podcast

23 Episodes

21 minutes | Sep 6, 2020
Final Part Ep 12
उषाकिरण खान द्वारा लिखित “ गयी झूलनी टूट” कथा का आख़िरी पड़ाव-निवेदिता झाकवयित्री /लेखिकाकमली की आंखों में बसा कमलदह कल्पनाओं में बसे कमल के फूल सूरज की रौशनी से खिल गए मानो।कमल के खिलते ही काले - काले भंवरे गुंजार करने लगेएक बंबडर सा उठा। धूल से भर गया आसमान।
4 minutes | Aug 29, 2020
Episode 11 ( last part)
11वाँ भाग की आख़िरी कड़ी सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
5 minutes | Aug 29, 2020
Episode 11(5)
डॉ उषाकिरण खान के उपन्यास “ गयी झूलनी टूट” का11वाँ भाग की दो और कड़ी-द्वारा डॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
3 minutes | Aug 23, 2020
Episode 11 (4)
11वाँ भाग सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
6 minutes | Aug 23, 2020
Episode 11 ( 3)
11वाँ भाग सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
3 minutes | Aug 23, 2020
Episode (part 2)
11वाँ भाग सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
2 minutes | Aug 23, 2020
Episode 11 ( part 1)
11वाँ भाग सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
32 minutes | Aug 20, 2020
Episode 11 ( part 4)
32 minutes | Aug 20, 2020
Episode 11 ( part 3)
32 minutes | Aug 20, 2020
Episode 11
11वाँ भाग ( part 2) सुनियेडॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
32 minutes | Aug 20, 2020
Episode 11
 उपन्यास का 11 वा भाग सुनिये~डॉ आभा रानी , पत्रकारिता विभाग,जे डी विमेंस कॉलेज, पटना से,इस खंड में कहानी कई पड़ाव को पार करते हुये,एक ऐसे किरदार के इर्द गिर्द घूमती है जिसका   नाम है रंजू। ग्रामीण परिवेश से आई यह लड़की मुम्बई में रहती है,जो एक ठेकेदार की बेटी तो है परंतु उसकी बेबाकी और दृढ़निश्चयी किरदार सहज हीं आकर्षित करता है।
21 minutes | Aug 16, 2020
Episode 10
 डॉ. ऊषाकिरण के उपन्यास “ गयी झूलनी टूट” का अगला अध्याय डॉ. रानी श्रीवास्तव के स्वर में -  काव्य लेखन एवं समीक्षा लेखन (कवियत्री )संप्रति :एसोसिएट प्रोफेसर , विभागाध्यक्ष ,जंतु विज्ञान विभाग बी.एम.डी. कॉलेज, दयालपुर ,वैशाली  ( बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय********** इस खंड में कमलामुखी के अंतर्मुखी होकर बिल्कुल चुप हो जाने की कहानी है तो वहीं बढ़िया गांव के 80 वर्षीय जगत मरड़  के अपने पिछले सारे जीवन को मुड़कर देखने और कमला मुखी की बात उसकी मां देवी की को नहीं बताने का पश्चाताप भी  है ।भरना परछतरिया के ग्राम पंचायत में हो रहे राजनीतिक बदलाव की जबरदस्त आहट भी  दिखती है कि किस तरह  भिन्न-भिन्न जाति , धर्म के लोग अपनी- अपनी एकता बनाने में जुटे हुए हैं मुन्ना मंडल के दांव - पेच से हुई उसकी जीत भी  उस समय की कहानी को कहती है ।इस खंड में अनेक पंचलाईटों की रोशनी में मृदंग के ताल पर नटुआ द्वारा विलंबित ताल के साथ गाया जाने वाला विरहा गान   - "दगा दे गएं बालम ,गई झुलनी टूट " इस पूरे उपन्यास के मर्म को रेखांकित करता है ।
32 minutes | Aug 9, 2020
Episode 9
डॉक्टर नीलिमा सिंह अध्यापन ,लेखन ,एवं समाज सेवा @ उपन्यास के इस भाग में कमलमुखी के संघर्ष और दुख की कहानी है ।कमलमुखी घरों में काम करके बच्चों के भविष्य के लिए पैसे कमाती है , जग्गी उससे बहाने बना कर पैसे ले लेता है ।एक बार वह पैसे देने से इनकार करने पर जग्गी उसको छोड़ कर पहली पत्नी के पास गाँव चला जाता है ........सुनिए डॉ.उषाकिरण खान के उपन्यास “ गयी झूलनी टूट” का अगला भाग...
15 minutes | Jul 30, 2020
Ep 8 (2)
भाग 8 का दूसरा अंश~उपन्यास के इस अंश में अनेक स्त्री एवं पुरुष पात्रों के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी समाज के भीतरी तहों में पसरे टूटते-बिखरते रिश्ते, पुरुषों द्वारा स्त्री को उसकी नियति एवं संवेदना के स्तर पर भटका कर उसका हर स्तर पर शोषण और बाल मन पर पड़ते इसके असर से युवा पीढ़ी के भटकाव का चित्रण है
15 minutes | Jul 28, 2020
Ep 8 ( 1)
क्रम -8 उषा ओझा द्वारा, परिचय-उषा ओझा, कथाकार, संप्रति-सरकारी सेवाउपन्यास के इस अंश में अनेक स्त्री एवं पुरुष पात्रों के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी समाज के भीतरी तहों में पसरे टूटते-बिखरते रिश्ते, पुरुषों द्वारा स्त्री को उसकी नियति एवं संवेदना के स्तर पर भटका कर उसका हर स्तर पर शोषण और बाल मन पर पड़ते इसके असर से युवा पीढ़ी के भटकाव का चित्रण है
32 minutes | Jul 23, 2020
Episode 7
 लेखिका डॉ उषा किरण खान द्वारा लिखा गया उपन्यास “ गयी झूलनी टूट” का 7वाँ  भाग कवयित्री सौम्या सुमन  की आवाज़ में सुनें~इस भाग में घान्टो मरडाइन और अलग- अलग पात्रों के जीवंत संवाद, ग्रामीण पृष्ठभूमि की राजनीति ,दाँव-पेंच , ठसक और शक्ति के दंभ को चित्रित किया गया है । अंगूठा लगाने वाली गाँव की सरपंच घान्टो का वयस्क शिक्षा केन्द्र जाकर अक्षर ज्ञान अर्जित करने की ललक ,झेंप और साहस का अंतर्द्वंद्व चलचित्र की भाँति सामने आता है l       कहानी के इस भाग में एक दबंग ग्रामीण स्त्री के त्रिया- चरित्र से लेकर राजनैतिक जोड़- तोड़ की ज़मीनी हक़ीक़तों का चित्रण देखें ।
13 minutes | Jul 12, 2020
Episode 5 ( Part 2)
भाग ...5 ( Part 2)रानी सुमिता की आवाज़ मेंकवयित्री/लेखिकास्वतंत्र लेखन इस भाग में जीवन के कई रंग सिमटे हुए हैं ।सहृदय मास्टर सीताराम, सरल कमलमुखी के जीवन संघर्षो से गहरे तक पीड़ा का अनुभव करते हैं वहीं गांव में पंचायती राज में महिलाओं की भागीदरी बढ़ी  तो है पर घूघंट की ओट में ही सांस  लेने की आदत गाँव की स्त्रियां के विकास को बाधित कर रही । घाँटो मरड़ाइन येन केन प्रकारेण अपने अहम  और नाम संभालने की कोशिश में हैं ।जीवन की विविध जटिलताओं, और संघर्षो को स्पर्श करता उपन्यास का यह अंश ह्रदय के तंतुओं को झकझोरता है।
15 minutes | Jul 12, 2020
Episode 5 ( Part 1)
गयी झूलनी टूट उपन्यास का भाग ...5रानी सुमिता की आवाज़ मेंरानी सुमिता,कवयित्री/लेखिका हैं और स्वतंत्र लेखन करती हैं इस भाग में जीवन के कई रंग सिमटे हुए हैं ।सहृदय मास्टर सीताराम, सरल कमलमुखी के जीवन संघर्षो से गहरे तक पीड़ा का अनुभव करते हैं वहीं गांव में पंचायती राज में महिलाओं की भागीदरी बढ़ी  तो है पर घूघंट की ओट में ही सांस  लेने की आदत गाँव की स्त्रियां के विकास को बाधित कर रही । घाँटो मरड़ाइन येन केन प्रकारेण अपने अहम  और नाम संभालने की कोशिश में हैं ।जीवन की विविध जटिलताओं, और संघर्षो को स्पर्श करता उपन्यास का यह अंश ह्रदय के तंतुओं को झकझोरता है।
15 minutes | Jul 12, 2020
Episode 6 ( Part 1)
‘गयी झूलनी टूट’ उपन्यास सुनीता गुप्ता की आवाज़ मेंसुनीता गुप्ता एक समीक्षक/कथाकार और व्याख्याता हैं (बिहार विश्वविद्यालय)उपन्यास के इस भाग में कमली के संघर्ष का चित्रण है । गाँव की एक भोली स्त्री शाख से टूटे पत्ते की तरह हवा के झोंके से उड़ती एक अनजान शहर में जा पहुंची और जिस तरह अपनी मेहनत के बल पर ख़ुद को मज़बूती के साथ  खड़ा किया यह एक मिसाल है । अपने नए जीवन में जंगी का मिलना और एक सुखद , निश्चित ढर्रे पर चलती ज़िन्दगी का स्वागत और घांटो के जीवन की परेशानियों का सिलसिला देखें इस भाग में .....
15 minutes | Jul 12, 2020
Episode 6 ( Part 2)
गयी झूलनी टूट भाग 6 का दूसरा अंश सुनीता गुप्ता की आवाज़ में. सुनीता गुप्ता समीक्षक/कथाकार हैं और व्याख्याता हैं (बिहार विश्वविद्यालय)कहानी के इस भाग में कमली के संघर्ष का चित्रण है । गाँव की एक भोली स्त्री शाख से टूटे पत्ते की तरह हवा के झोंके से उड़ती एक अनजान शहर में जा पहुंची और जिस तरह अपनी मेहनत के बल पर ख़ुद को मज़बूती के साथ  खड़ा किया यह एक मिसाल है । अपने नए जीवन में जंगी का मिलना और एक सुखद , निश्चित ढर्रे पर चलती ज़िन्दगी का स्वागत और घांटो के जीवन की परेशानियों का सिलसिला देखें इस भाग में .....
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